कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर)

Code of Conduct Code of Conduct

आईडीबीआई बैंक ने अपने सीएसआर पहल कार्यों के अंतर्गत युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, त्रिपुरा सरकार को जिम्नैस्टिक उपकरण खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की. (बाएं से दाएं) श्री के.पी. नायर, डीएमडी, आईडीबीआई बैंक (बाएं से दूसरे), ओलंपिक जिम्नास्ट सुश्री दीपा करमाकर, द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त श्री बिश्वेश्वर नंदी, श्री साहिद चौधरी, माननीय मंत्री, युवा कार्यक्रम एवं खेल, त्रिपुरा सरकार तथा श्री पबित्रा कर, माननीय उप सभापति, त्रिपुरा विधान सभा


कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर)

पूर्ववर्ती भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) औद्योगिक तथा बुनियादी संरचना क्षेत्र को परियोजना वित्त प्रदान करने वाला शीर्ष संस्थान और औद्योगिक वित्तपोषण तथा विकास के क्षेत्र में एक नीति निर्धारक बैंक रहा है. इसने देश की वित्तीय संरचना के गठन में भी अग्रणी भूमिका निभाई है. इसकी वाणिज्यिक बैंकिंग परवर्ती संस्था – वर्तमान आईडीबीआई बैंक – 1 अक्तूबर 2004 को अस्तित्व में आई.

पचास वर्ष पहले हमारी स्थापना से ही कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व हमारी सभी गतिविधियों में शामिल रहा है. इसके अनिवार्य होने के काफी पहले से ही यह हमारी प्रेरक शक्ति रहा है. आईडीबीआई ने नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड के सहयोग से वर्ष 1981 में महाराष्ट्र के अंबरनाथ में दृष्टिबाधितों के लिए एनएबी-आईडीबीआई पॉलिटेक्निक की स्थापना की. आईडीबीआई ने सामाजिक रूप से उत्तरदायी संगठन के रूप में अपनी साख को सिद्ध करते हुए महाराष्ट्र के लातुर में 1993 में आए एक विनाशकारी भूकंप से प्रभावित शिरसल गांव में घरों तथा सड़कों का निर्माण कराया. आईडीबीआई ने गुजरात के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों (2001), सुनामी प्रभावित दक्षिण भारतीय राज्यों (2004), भारी बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड राज्य (2013) तथा चक्रवात प्रभावित ओड़ीशा में प्राकृतिक आपदाओं के समय तत्काल आपदा राहत प्रदान कर अपनी वही प्रतिबद्धता दर्शायी.

हम समाज के लक्षित क्षेत्रों पर कारगर प्रभाव के उद्देश्य से सीएसआर के क्षेत्र में, प्रत्यक्ष रूप से और साथ ही प्रतिष्ठित संगठनों के सहयोग से, अपनी गतिविधियों में निरंतर वृद्धि कर रहे हैं. इन गतिविधियों में, विभिन्न राज्यों में समाज के सुविधाहीन क्षेत्रों, विशेषकर महिलाओं, को व्यावसायिक तथा रोजगारपरक कौशल को बढ़ाने के लिए तैयार परियोजनाओं हेतु सहयोगपूर्ण दीर्घावधि निधीयन; सौर ऊर्जा चलित स्ट्रीट लाइटों के माध्यम से ग्रामीण विद्युतीकरण; समाज के आर्थिक रूप से अक्षम तथा अन्य अल्पसुविधा वाले क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए वित्तीय सहायता; स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा, स्वास्थ्य सेवाओं तथा स्वच्छता सुविधाओं में सुधार, पर्यावरणीय अक्षयता बनाए रखने तथा योजनाबद्ध रूप से कार्य कर गांवों का सर्वांगीण विकास आदि शामिल हैं किन्तु हमारे कार्य यही तक सीमित नहीं हैं. हमारी सीएसआर गतिविधियों का स्वरूप समावेशी है तथा समुदाय के सभी वर्गों के लोग इससे लाभ पा रहे हैं.