सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005
पर्यवेक्षण और उत्तरदायित्व के माध्यमों सहित निर्णय लेने की प्रक्रिया में अपनायी जाने वाली पद्धति
बैंक अपने निदेशक मंडल के समग्र मार्गदर्शन और सुशासन में कार्य करता है तथा पर्यवेक्षण के स्तरों सहित निर्णय लेने की प्रक्रिया, विभिन्न नीतिगत निर्देशों व निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित प्रत्यायोजित अधिकारों के अनुसार होती है.
बैंक में निर्णय लेने के लिए सुपरिभाषित व्यवस्था मौजूद है. विभिन्न अधिकारियों द्वारा, उनके पद के अनुसार और साथ ही समिति के माध्यम से विभिन्न स्तरों पर निर्णय लिये जाते हैं.
बैंक का मुख्य कारोबार अन्य बातों के साथ-साथ जमाराशियां स्वीकार करना और उधारराशियां प्रदान करना है, जिसके लिए कई योजनाएं हैं, जो विभिन्न ग्राहक वर्ग के अनुरूप बनाई गई हैं. विभिन्न कारोबारी खंडों पर उचित तरीके से ध्यान देने के लिए, बैंक के प्रत्येक कारोबारी वर्टिकल के पास निर्णय लेने के लिए सुपरिभाषित निर्णय प्रक्रिया व पर्यवेक्षी स्तर मौजूद हैं.
आईसीजी एवं सीबीजी के प्रस्तावों के संबंध में संबंधित वर्टिकलों की शाखाएं इस प्रकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर उपयुक्त मंजूरीकर्ता प्राधिकारी को प्रस्तुत करती हैं. आरबीजी (पीएसजी सहित) के मामलों में प्रस्तावों पर प्रोसेसिंग केंद्रों द्वारा विचार किया जाता है तथा इनका अनुमोदन उचित मंजूरीकर्ता प्राधिकारी द्वारा किया जाता है, जिसमें समितियों के साथ-साथ विनिर्दिष्ट प्रत्यायोजन अधिकार के आधार पर बैंक के कतिपय प्राधिकृत अधिकारी भी शामिल हैं. बैंक में एक सुपरिभाषित संगठनात्मक ढाँचा मौजूद है और उत्तरदायित्व की स्पष्ट व्यवस्था है.