बिल भुनाई एवं इन्वाइस भुनाई
बिल भुनाई एवं इन्वाइस भुनाई – आईडीबीआई बैंक बिल भुनाई एवं इन्वाइस भुनाई
>आईडीबीआई बैंक ओईएम/ वेंडरों से लेकर बड़े कॉर्पोरेट के लिए क्रय एवं विक्रय दोनों प्रकार के बिलों की भुनाई हेतु निधि आधारित सहायता उपलब्ध कराता है.
इस प्रकार के उधर के अंतर्गत बैंक उधारकर्ता के ग्राहक पर उसके द्वारा आहारित बिल को ले लेता है और बट्टा/ कमीशन के रूप में कुछ राशि काट लेने के बाद उसे तुरंत रकम अदा कर देता है. बैंक उसके बाद बिल की नियत तारीख को बिल को उधारकर्ता के ग्राहक को प्रस्तुत करता है और बिल की सम्पूर्ण राशि प्राप्त करता है. यदि बिल की राशि के भुगतान में विलंब होता है तो उधारकर्ता अथवा उसके ग्राहक को संव्यवहार की शर्तों के अनुसार बैंक को पूर्व निर्धारित दर से ब्याज अदा करना पड़ता है.
बिलों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, अर्थात- एलसीबीडी (साख पत्र आधारित बिल भुनाई), सीबीडी (निर्बंध बिल भुनाई), डीबीडी (अदाकर्ता बिल भुनाई) और आईबीडी (इन्वाइस बिल भुनाई).
बिल वित्त कार्यशील पूंजी वित्त का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह प्रमुख व्यापार वित्त कार्यकलाप है.
बिल भुनाई की प्रमुख विशेषताएँ
इन्वाइस भुनाई संबंधी प्रमुख विशेषताएँ
विशिष्ट सॉफ्टवेयर के जरिए बड़ी संख्या में इन्वोइसों पर कारवाई करने की क्षमता