ट्रेजरी-स्वैप

अवलोकन

स्वैप एक डेरिवेटिव संविदा है जिसमें दो पक्ष आपस में किसी एक पक्ष के वित्तीय लिखत का दूसरे पक्ष के वित्तीय लिखत से कुछ निश्चित लाभों के लिए विनिमय करती हैं तथा तुलनात्मक फायदे का लाभ लेती हैं॰

आईडीबीआई बैंक अपने ग्राहकों को विभिन्न तरह के स्वैप उत्पाद प्रदान करता है ताकि वे अपनी आवश्यकता व क्षमतानुसार लागत कम करने के साधन के रूप में विदेशी मुद्रा देयता/आस्ति या कल्पित विदेशी मुद्रा देयता/ आस्ति की हेजिंग कर सकें॰

स्वैप चार तरह के हैं॰


  • प्रिन्सिपल ओनली स्वैप (पी ओ एस)-
    पी ओ एस किन्ही विशेष तारीखों में दो मुद्राओं में मूलधन का, किन्ही विशेष तारीखों को दो मुद्राओं में स्थिर ब्याज भुगतान से विनिमय है॰ यह उत्पाद उन ग्राहकों के लिए है जो विदेशी मुद्रा नकदी प्रवाह श्रंखला में एक वर्ष के बाद विनिमय दर जोखिम को कवर करना चाहते हैं॰
    हम अपने ग्राहकों जो अपनी विदेशी मुद्रा देयता को भारतीय मुद्रा (आई एन आर) देयता में और इससे उलट परिवर्तित करना चाहते हैं को यह सुविधा उपलब्ध कराते हैं॰
  • कूपन ओनली स्वैप (सी ओ एस)-
    कूपन ओनली स्वैप दो पक्षों के बीच एक संविदात्मक करार है जिसमें प्रत्येक पक्ष दूसरे पक्ष को आनुमानिक मूलधन राशि के आधार पर तय अवधि के लिए नियमित अंतराल पर भुगतान के लिए सहमत है जहां दोनों ही नकदी प्रवाह भिन्न मुद्राओं में हैं॰
    हम अपने ग्राहकों को जो अपनी अस्थिर दर देयता को स्थिर दर देयता में और इससे उलट स्वैप करना चाहते हैं, ऐसा तंत्र उपलब्ध कराते हैं॰
  • ब्याज दर (इंटरेस्ट रेट) स्वैप (आई आर एस)-
    ब्याज दर (इंटरेस्ट रेट) स्वैप एक क्षेत्र के ब्याज प्रवाह का दूसरे क्षेत्र के ब्याज प्रवाह से समान मुद्रा में विनिमय है॰ ऐसी संविदाओं में सामान्यतः “स्थिर से अस्थिर”, “अस्थिर से स्थिर” या “अस्थिर से अस्थिर” ब्याज दर का विनिमय होता है॰
    हम अपने ग्राहकों को जो अपनी अस्थिर दर देयता को स्थिर दर देयता में और इससे उलट स्वैप करना चाहते है, ऐसा तंत्र उपलब्ध कराते हैं॰
  • मुद्रा (करेंसी) स्वैप (सी सी एस)-
    मुद्रा (करेंसी) स्वैप एक मूलभूत लिखत है जो ग्राहकों द्वारा ब्याज दर जोखिम तथा मुद्रा दर जोखिम दोनों को हेज़ करने के लिए प्रयोग किया जाता है॰ मुद्रा (करेंसी) स्वैप में मूलधन व ब्याज भुगतान का दो भिन्न मुद्राओं में विनिमय होता है॰ प्रत्येक मुद्रा में मूलधन राशि तथा निर्दिष्ट मूलधन पर ब्याज नकदी प्रवाह है॰ कुछ संदर्भ दर की सूची में ब्याज दर स्थिर या अस्थिर दोनों हो सकती हैं पर सामान्यतः लिबोर दर होती है॰ जब किसी कोरपोरेट ने विदेशी मुद्रा में अस्थिर दर ऋण लिया है और अब ब्याज दर बढ़ने और/या घरेलू मुद्रा के गिरने का इंतजार कर रहा है तो करेंसी स्वैप एक आदर्श लिखत है