क्रेता का ऋण – आईडीबीआई बैंक क्रेता का ऋण
अवलोकन
आयातकों द्वारा लिया जानेवाला क्रेता का ऋण आवश्यकता पर आधारित होना चाहिए और क्रेता के ऋण की अवधि उनके सामान्य परिचालन चक्र के भीतर होनी चाहिए. क्रेता के ऋण को फिर से आगे बढ़ाने (रोल ओवर) की अनुमति उधारकर्ता से उसका औचित्य जानने के बाद ही दी जानी चाहिए अथवा उसकी आवश्यकता का स्वतंत्र रूप से आकलन करने के बाद दी जानी चाहिए. लेनदेन भारत में आयात के लिए होने चाहिए.
अल्पावधि व्यापार ऋण की अनुमति निम्न के लिए नहीं है (क) किसी मर्चेंटिंग कारोबार / मध्यवर्ती कारोबार लेनदेन के लिए (ख) आयात हेतु अग्रिम भुगतान का वित्त पोषण करने के लिए और (ग) देशी किराया क्षेत्र (डीटीए) में संस्थाओं द्वारा विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईज़ेड / 100% निर्यातोन्मुख इकाइयों (ईओयू) से क्रय का वित्त पोषण करने के लिए आयात वर्तमान विदेशी कारोबार नीति के तहत अनुमत होने चाहिए.